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Big breaking :-अब तक 387 सड़के हुई बंद, चारधाम यात्रा सुचारू…पर मौसम का रुख देखकर ही करें यात्रा

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अब तक 387 सड़के हुई बंद, चारधाम यात्रा सुचारू…पर मौसम का रुख देखकर ही करें यात्रा

प्रदेश में भारी वर्षा के कारण अब तक 387 सड़के बंद हैं जिनमें से 62 सड़कें खोल दी गई हैं। गढ़वाल मंडल के अंतर्गत सभी जनपदों में बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बड़ा है लेकिन फिलहाल कोई खतरे की बात नहीं है।

 

 

प्रदेशभर में लगातार हो रही बारिश के बीच सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने अपील की है कि सुरक्षा के मद्देनजर मौसम का रुख देखकर ही यात्रा करें। संबंधित जिला प्रशासन से जारी एडवाइजरी का जरूर पालन करें।सचिव आपदा प्रबंधन विनोद सुमन ने बताया कुमाऊं क्षेत्र में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है।

 

 

 

भारी बारिश के चलते कुमाऊं का टनकपुर, खटीमा जलभराव से प्रभावित हुआ है। मौके पर अधिकारी और राहत बचाव की टीमें मौजूद हैंउन्होंने उम्मीद जताई कि कल से भारी बारिश से थोड़ी राहत मिलेगी। प्रदेश के सभी मुख्य सड़कें खुली हुई हैं। कुछ ग्रामीण सड़कें बाधित हैं। वर्तमान में चारधाम यात्रा चल रही है। सिर्फ एक दिन सात जुलाई को चारधाम यात्रा रोकी गई थी। पर्वतीय मार्गों पर सफर करने वाले लोगों से सचिव आपदा प्रबंधन ने मौसम देखकर ही यात्रा करने की अपील की है।

 

 

 

 

भारी वर्षा के कारण अब तक 387 सड़के बंद हैं, 62 को खोल दिया गया
प्रदेश में भारी वर्षा के कारण अब तक 387 सड़के बंद हैं जिनमें से 62 सड़कें खोल दी गई हैं। गढ़वाल मंडल के अंतर्गत सभी जनपदों में बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बड़ा है लेकिन फिलहाल कोई खतरे की बात नहीं है। जबकि कुमाऊं में सिंचाई खंड अल्मोड़ा के अंतर्गत विगत चार दिनों से भारी बारिश होने के कारण कोसी, पनार आदि नदियों, गधेरे उफान पर हैं।

लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश के कारण सड़कों पर मलबा आने से नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, मुख्य जिला मार्ग, ग्रामीण मार्ग, पीएमजीएसवाई और अन्य जिला मार्गों सहित बंद कुल 325 सड़कों को खोलने के लिए कर्मचारी एवं अधिकारियों के साथ साथ 279 मशीनें लगातार काम कर रही है। उन्होंने बताया कि तीन नेशनल हाईवे में से दो को खोल दिया गया है। इसके अलावा 14 राज्यमार्गाों में आठ को खोल दिया गया है।

 

 

रानीखेत में वैली ब्रिज बनेगा
अल्मोड़ा के रानीखेत मोहान में क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर जल्द वैली ब्रिज तैयार होगा। लोनिवि मंत्री महाराज ने कहा कि 27 मीटर पुल ब्रिटिश काल का था, वहां पर वैली ब्रिज की वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। इस तरह चंपावत में नदिया नदी पर 70 मीटर स्पान पुल बह गया है वहां पर कनेक्टिविटी की व्यवस्था कर दी गई है।

 

 

50 नहरों को पहुंचा नुकसान
जनपद अल्मोड़ा में भारी बरसात के कारण 50 नहरों को क्षति पहुंचने के साथ-साथ जनपद पिथौरागढ़ में 90 मीटर सुरक्षा दीवार को क्षति हुई है। जिसकी लागत लगभग 135 लाख है। इसके अलावा जनपद चंपावत में 29 नहरें जिनकी लागत 58 लाख है और 18 बाढ़ योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।










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Author: Pawan Rawat
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