आठ जनवरी को आचार संहिता लागू होने के बाद नौ जनवरी से 12 फरवरी तक प्रदेशभर में नियम तोड़ने पर 1689 मुकदमे दर्ज किए गए. सबसे ज्यादा केस हरिद्वार में दर्ज हुए हैं.मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि प्रदेश में कुल 1689 में से आईपीसी की धाराओं में 18 मुकदमे दर्ज हुए. आरपी एक्ट में एक, डिजास्टर मैनेजमेंट में 61, आईपीसी-आरपी एक्ट के 30, प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने के 53, एनडीपीएस के 192, एक्साइज के 1103, आर्म्स एक्ट के 224 और अन्य के सात मुकदमे शामिल हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस बार सबसे ज्यादा 415 एफआईआर हरिद्वार जिले में दर्ज हुई हैं. इसके अलावा देहरादून में 363, पौड़ी में 39, टिहरी में 36, चमोली में 46, रुद्रप्रयाग में 30, उत्तरकाशी में 27, ऊधमसिंह नगर में 397, नैनीताल में 214, पिथौरागढ़ में 43, चंपावत में सबसे कम 19, अल्मोड़ा में 36 और बागेश्वर में 24 मुकदमे दर्ज किए गए.
चुनाव में पानी की तरह बही शराब और पैसा– विधानसभा चुनाव में इस बार चुनाव आयोग ने धनबल पर लगाम लगाने के लिए खास तैयारी की थी, जिसका असर भी नजर आया. 2017 के चुनाव के मुकाबले इस बार तीन गुना पैसा और शराब पकड़ी गई. मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि इस बार चार करोड़ 26 लाख 61 हजार 319 रुपये कैश बरामद हुआ.