सरकार ने जितनी देर में कर्फ्यू लगाया था उतनी ही देर अब सरकार इसको खोलने में भी लगा रही है जी हां 15 तारीख से राहत की उम्मीद लगाए बैठे लोगों को अभी एक हफ्ता और इंतजार करना होगा कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी के बावजूद सरकार प्रदेश में लागू कोविड कर्फ्यू में ज्यादा ढील देने से परहेज कर सकती है। इसे देखते हुए कर्फ्यू की अवधि एक हफ्ते आगे बढ़ाई जा सकती है। इस दौरान वर्तमान व्यवस्था को ही बरकरार रखने की तैयारी है। सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार आंकड़ों की समीक्षा करने के बाद ही कर्फ्यू के संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा इसको लेकर सोमवार को फैसला कर लिया जाएगा ।
प्रदेश में लागू कोविड कर्फ्यू की अवधि 15 जून को सुबह छह बजे खत्म हो रही है। इसे देखते हुए सभी की नजरें सरकार पर टिक गई हैं कि वह कर्फ्यू हटाएगी या फिर इसे कुछ दिन और बरकरार रखेगी। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में शासन स्तर पर भी मंथन चल रहा है। ये बात भी सामने आ रही कि यदि कर्फ्यू हटाया गया या फिर ज्यादा ढील दी गई तो कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अब तक की मेहनत पर पानी फिरते देर नहीं लगेगी। इसे देखते हुए फूंक-फूंक कर आगे कदम बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि फिलहाल 22 जून तक कोविड कफ्र्यू को आगे बढ़ाया जा सकता है। इस दौरान सप्ताह में तीन दिन बाजार खोलने समेत वर्तमान में जारी व्यवस्था को यथावत रखा जा सकता है।इसके साथ ही राज्य के जिन जिलों में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है, वहां क्षेत्र विशेष को कफ्र्यू से छूट देने के संबंध में जिलाधिकारी निर्णय ले सकते हैं। सरकार जिलाधिकारियों को पहले ही इसके लिए अधिकृत कर चुकी है। वहीं इस मामले में सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार आंकड़ों की समीक्षा करने के बाद ही कर्फ्यू के संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा।। वही जहाँ सरकार अभी बहुत राहत देने के मूड में नही है वही व्यापारी अपनी अलग अलग बात रख रहे है
प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल समिति ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर समाप्ति की ओर है, इसलिए बाजार को सप्ताह में पांच दिन खोला जाए। रविवार सुबह साढ़े दस बजे प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल समिति की वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश संयोजक राजेंद्र गोयल ने बताया कि अब धीरे-धीरे उत्तराखंड और पूरे देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ढलान पर है। ऐसे में प्रदेश के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान खोले जाने और व्यापारियों को अधिक राहत प्रदान की जाने की आवश्यकता है।
बैठक में गढ़वाल प्रभारी विनोद गोयल और महानगर देहरादून अध्यक्ष आनंद स्वरूप गुप्ता ने बताया की गर्मी के कारण मिठाई जल्द ही खराब हो जाने वाली चीज है। ऐसे में फल और सब्जी व्यापार की तरह ही मिठाई की दुकानों को कम से कम पांच दिन तक खुला रखने की आवश्यकता है, जिससे इनका का कारोबार करने वाले व्यापारियों को आर्थिक नुकसान न झेलना पड़े। महानगर महामंत्री विवेक अग्रवाल ने बताया इस कोरोना काल में व्यापारी वर्ग ने धैर्य और संयम का परिचय दिया। अपनी जान की परवाह नहीं की व प्रदेश के समस्त उपभोक्ता वर्ग के साथ ही सामान्य जन की जिस तरह जमीन से जुड़कर तन मन धन से सेवा की है, उसके लिए आवश्यक सेवाओं से संबंधित व्यवसाय करने वाले व्यापारियों को राज्य सरकार की ओर से कोरोना वारियर घोषित किए जाने की आवश्यकता है।बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री व विधायकों को व्यापारियों की कठिनाइयों से अवगत कराते हुए एक मांग पत्र प्रेषित किया गया। आग्रह किया गया के सप्ताह में केवल शनिवार व रविवार को छोड़कर हर रोज आठ बजे से शाम पांच बजे तक खोलने की अनुमति दी जाए। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष एनपी दीवान, प्रदेश कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल, देहरादून डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन अध्यक्ष श्याम सुंदर अग्रवाल, ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष आदेश गर्ग, हलवाई एसोसिएशन के महामंत्री अरविंद गोयल, ज्वेलर्स एसोसिएशन से शिवम सिंगल आदि मौजूद रहे