उत्तराखंड में सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के खुलने पर शारीरिक दूरी का पालन कराना चुनौती होगी। इन स्कूलों में पहले ही कक्षा चलाने के लिए जगह की कमी है। ऐसे में छह फीट की दूरी पर बच्चों को बैठाना आसान नहीं होगा। प्रदेश में छह से 12वीं तक सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 11 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। हालांकि, शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बच्चों की क्लास का समय अलग-अलग तय करना होगा। वहीं, स्कूलों में प्रार्थना सभाएं एवं खेल गतिविधियों पर भी रोक लगानी होगी।
प्रदेश के कुछ स्कूलों में छात्रों की संख्या पांच हजार से अधिक है। ऐसे में एक क्लास में 45 से 50 बच्चों को बैठाया जाता है, लेकिन यदि एक साथ स्कूल में सभी बच्चों को बुला लिया गया तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर पाना कतई संभव नहीं होगा। वहीं सरकारी स्कूलों का तो यह हाल है कि कुछ जूनियर स्कूलों में एक ही कक्ष में दो या इससे अधिक कक्षाएं चल रही हैं।शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, स्कूलों में आधी क्लास को एक दिन और आधी को अगले दिन बुलाया जा सकता है या कुछ-कुछ देर बाद बच्चों को बुलाया जा सकता है। इसके अलाव प्रार्थना सभाएं, खेल गतिविधियों और घर से लंच लेकर आने पर रोक लगाई जा सकती है।कोविड की गाइड लाइन का पालन होगा अनिवार्यशिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक स्कूल खुलने से पहले एसओपी जारी की जाएगी। इसके बाद कोविड-19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए स्कूलों को खोला जाएगा।
एक से पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों पर अभी नहीं लिया गया निर्णय
प्रदेश में एक से पांचवीं कक्षा तक के स्कूल अभी बंद रहेंगे। इन स्कूलों को खोले जाने को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ। इन स्कूलों के बच्चों की ऑनलाइन क्लास जारी रहेगी।
कैबिनेट फैसले से प्रदेश में खुलेंगे नौ हजार से अधिक स्कूल
कैबिनेट के इस फैसले से प्रदेश में छह से 12 वीं तक नौ हजार से अधिक स्कूल खेलेंगे। जिनमें उच्च प्राथमिक सरकारी, अशासकीय और प्राइवेट स्कूलों की संख्या 5452 है। जबकि 1354 हाईस्कूल और 2479 इंटरमीडिएट कॉलेज हैं।