हल्द्वानी हिंसा में अब्दुल मलिक-बेगम साफिया के खिलाफ 2120 सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स, चार्जशीट में ये खास बातें
वनभूलपुरा हिंसा मामले से जुड़ी सरकारी जमीन पर कब्जा करने और उसे खुर्द-बुर्द कर अवैध रूप से निर्माण कराने के मुकदमे की पुलिस ने जांच पूरी कर ली है। पुलिस की जांच पूरी हो गई है।
हल्द्वानी हिंसा मामले में पुलिस की सख्ती जारी है। पुलिस ने हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक, बेगम साफिया सहित अन्य लोगों के खिलाफ जांच पूरी कर ली है। वनभूलपुरा हिंसा मामले से जुड़ी सरकारी जमीन पर कब्जा करने और उसे खुर्द-बुर्द कर अवैध रूप से निर्माण कराने के मुकदमे की पुलिस ने जांच पूरी कर ली है।
पुलिस ने सात दिन पहले इस मुकदमे में 15 पेज की चार्जशीट के साथ 2120 सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स कोर्ट में दाखिल कर दिए हैं। पुलिस ने साफिया मलिक और उसके पति अब्दुल मलिक के साथ बेटे अब्दुल मोईद को भी आरोपी माना है।
मलिक का बगीचा स्थित इस नजूल भूमि पर फर्जीवाड़ा कर कब्जा करने के आरोप में 22 फरवरी को सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट ने अब्दुल मलिक, उसकी पत्नी साफिया मलिक, अख्तरी बेगम, नबी रजा खां, गौस रजा खां और बरेली निवासी अब्दुल लतीफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
हल्द्वानी कोतवाली में दर्ज इस मुकदमे की जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए तो दो और लोग बतौर आरोपी सामने आए। पहला आरोपी बाबू रजा नाम का व्यक्ति था। पुलिस लेखा के मुताबिक, बाबू रजा वही व्यक्ति था जिसे इस जमीन का मालिक बनाकर मलिक का बगीचा स्थित नजूल की जमीन में करीब सवा करोड़ रुपये के प्लाट बेचे गए थे। इसी वर्ष 14 फरवरी को बाबू रजा की मौत हो चुकी है।
वहीं मामले में आरोपी बतौर दूसरा नाम अब्दुल मलिक के बेटे अब्दुल मोईद का है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जो प्लाट बेचे गए थे उन पर बिजली-पानी के कनेक्शन मोईद के नाम पर लिए गए थे। वहीं ये कनेक्शन लेने के एक-दो साल बाद मोईद के उन प्लॉट या मकानों को खरीदने की बात भी सामने आई है।