डोबरी चांठी पुल के फाइनल होने के साथ साथ ही टिहरी और उत्तरकाशी जनपदों की करीब तीन लाख से ज्यादा की आबादी के लिए करीब डेढ़ दशक के लम्बे इंतजार के बाद वो घड़ी आ गयी है। 440 मीटर लम्बा ये पुल एशिया के सबसे लम्बे मोटरेबल पुलांे की पांत में सुमार हो जाएगा। सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 8 नवंबर को इस बेहद अहम पुल को लोक को अर्पित करेंगे।
टिहरी बांध बनने के बाद लगभग यहाँ 40 किलोमीटर की एक बड़ी झील बनी उससे इस इलाके को जोड़ने वाले तमाम पुल और रास्ते झील के पानी में डूब गए हैं। इससे यहां के लाखों लोगों की दिनचर्या ही प्रभावित हो गई थी। यह पुल सस्पेंश तकनीकी पर आधारित है।इसमें 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड और 25 मीटर स्टील गर्डर चांटी साइड है। पुल की चैड़ाई लगभग 7 मीटर है। जिसमें मोटर मार्ग की चैड़ाई साढ़े पांच मीटर है। वही फुटपाथ की चैड़ाई 0.75 मीटर है।