उत्तराखंड

पुलिस कर्मियों के ग्रेड वेतन को लेकर शासन स्तर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं, पहला और दूसरा बैच 20 साल की सेवा कर चुका पूरी

पुलिस कर्मियों के ग्रेड वेतन पर अभी तक निर्णय नहीं, वेतन विसंगति समिति शासन को सौंप चुकी है अपनी रिपोर्ट। प्रदेश में पुलिस कर्मियों के स्वजन इस समय वर्ष 2013 में जारी हुए शासनादेश के अनुसार एसीपी के अर्हकारी सेवा पूरी होने पर पदोन्नति न होने की सूरत में उस पद का ग्रेड वेतन देने की मांग कर रहे हैं।पुलिस कर्मियों के 4600 ग्रेड वेतन को लेकर शासन स्तर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है। यह स्थिति तब है जब राज्य गठन के बाद प्रदेश में भर्ती हुआ पुलिस का पहला और दूसरा बैच 20 साल की सेवा पूरी कर चुका है।

नियमानुसार 20 साल की सेवा पूरी करने पर इन्हें अब पदोन्नत अथवा अगला ग्रेड वेतन दिया जाना है।आक्रोश का कारण ग्रेड वेतन पर निर्णय न होना। पुलिस कर्मियों के अगले ग्रेड वेतन के संबंध में वेतन विसंगति समिति अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप चुकी है लेकिन ग्रेड वेतन पर निर्णय न होना पुलिस कर्मियों के स्वजन के आक्रोश का कारण बन रहा है।

प्रदेश में पुलिस कर्मियों के स्वजन इस समय वर्ष 2013 में जारी हुए शासनादेश के अनुसार एसीपी के अर्हकारी सेवा पूरी होने पर पदोन्नति न होने की सूरत में उस पद का ग्रेड वेतन देने की मांग कर रहे हैं। दरअसल, यह स्थिति तब आई जब प्रदेश सरकार ने केंद्र की तर्ज पर प्रदेश में सातवां वेतनमान लागू किया। इसमें एसीपी के स्थान पर एमएसीपी की व्यवस्था की गई है।पहले एसीपी में पुलिस कर्मियों को 10, 16 और 26 साल की सेवा पूरी करने पर अगले पद का ग्रेड वेतन देने का प्रविधान था। इसमें 10 साल की सेवा में 2400 ग्रेड वेतन और 16 साल की सेवा पूरी करने पर 4600 रुपये ग्रेड वेतन की व्यवस्था थी। एमएसीपी में इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए अर्हकारी सेवा को 10, 20 और 30 साल कर दिया। इसके साथ ही इसमें एक व्यवस्था यह भी की गई कि पदोन्नति न होने की सूरत में कार्मिक को पदोन्नति का नहीं, बल्कि मौजूदा ग्रेड वेतन से अगला वेतनमान दिया जाएगा।राज्य गठन के बाद पुलिस का पहला बैच वर्ष 2001 में भर्ती हुआ था। इस दौरान 2000 पुलिस कांस्टेबल भर्ती किए गए थे। इन्हें 2000 रुपये ग्रेड वेतन पर रखा गया। वर्ष 2011 में जब इनकी 10 साल की सेवा पूरी हुई तो इन्हें अगला ग्रेड वेतन हेड कांस्टेबल के स्तर का यानी 2400 रुपये दिया गया। अब इनकी 20 साल की सेवा जुलाई 2021 में पूरी हो चुकी है। सातवां वेतनमान लागू होने के कारण एमएसीपी के अनुसार अब इन्हें 2800 रुपये ग्रेड वेतन मिलेगा।पुलिस कर्मियों को 4600 ग्रेड वेतन देने की उठाई मांग

यहीं से इसका विरोध शुरु हुआ। पुलिस कर्मियों ने पूर्व की भांति ही पुलिस कर्मियों को 4600 ग्रेड वेतन देने की मांग उठाई। मामले ने तूल पकड़ा तो सरकार ने इसके लिए मंत्रिमंडल की उप समिति का गठन किया। उप समिति ने अपनी रिपोर्ट मंत्रिमंडल के सम्मुख रखी। मंत्रिमंडल में विस्तृत चर्चा के बाद इस मसले को वेतन विसंगति समिति को सौंप दिया गया।चुनाव के दौरान बना था मुद्दा

विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस कर्मियों को 4600 रुपये ग्रेड देना एक मुद्दा भी बना। तमाम राजनीतिक दलों ने पुलिस कर्मियों को पूर्व की भांति ही 4600 ग्रेड वेतन देने के मसले को अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किया। चुनाव के बाद अब नई सरकार आ गई है लेकिन इस मसले पर अभी तक निर्णय नहीं हो पाया है।

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Author: Pawan Rawat
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